मजबूत सीट लेकर स्ट्राइक रेट का झुनझुना, 2010 की याद दिलाई; गिरिराज के निशाने पर चिराग?
Bihar Chunav: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए में सीटों का बंटवारा तो हो गया पर कैंडिडेट के ऐलान को एक दिन के लिए टाल दिया गया है। सोमवार शाम को संयुक्त प्रेस वार्ता में चेहरों की घोषणा की सूचना की ट्वीट को भी डिलीट कर दिया गया। इस बीच केंद्रीय मंत्री और गिरिराज सिंह का बवाली पोस्ट आया है। राजनैतिक गलियारे में चर्चा का बाजार गर्म है कि गिरिराज सिंह ने किसपर तंज कसा है। उन्होंने 2010 में विधानसभा चुनाव के नतीजों की झलक दिखाई है जब बीजेपी-जदयू को 243 में से 206 सीटों पर जीत मिली थी और 37 सीटों पर समट चुके विपक्ष में लालू की राजद को 22 और रामविलास की लोजपा को मात्र 3 सीटों से संतोष करना पड़ा था।
गिरिराज सिंह ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा है- "ये होता है असली स्ट्राइक रेट। आज मजबूत सीट लेकर स्ट्राइक रेट का झुनझुना बजा रहे है। 2010 के बिहार चुनाव में एनडीए ने रचा था इतिहास।243 में से 206 सीटें जीतीं। जदयू ने 141 में से 115 सीटें जीतीं, स्ट्राइक रेट 81%। बीजेपी ने 102 में से 91 सीटें जीतीं ..स्ट्राइक रेट 89%। इतनी प्रचंड जीत बिहार की राजनीति में फिर कभी नहीं दोहराई गई। तब भी धर्मेंद्र प्रधान जी प्रभारी थे आज भी प्रभारी है।"
बिहार चुनाव 2025 के लिए एनडीए में सीट बंटवारे में चिराग पासवान ने लोकसभा चुनाव के स्ट्राइक रेट पर बीजेपी को बारगेन किया। 2020 में 135 सीटों पर लड़कर मात्र 1 सीट(मटिहानी-बेगूसराय) जीतने वाली लोजपा-आरवी को 29 सीट देना पड़ा। दिल्ली में कई दौर की बैठक के बाद यह फार्मूला बना। एक बार तो नित्यानंद राय चिराग के घर पहुंचे उससे पहले वे मंत्रालय चले गए। नित्यानंद चिराग की मां से रीना मिलकर लौट गए। चिराग को राजी करने के लिए धर्मेंद्र प्रधान और अमित शाह को अपनी उर्जा खर्च करना पड़ा। लोजपा आर को 29 देने के लिए 15 सीट मांगने वाले जीतनराम मांझी को 6 और कम से कम 10 सीट मांगने वाले उपेंद्र कुशवाहा को 6 सीट देना पड़ा। बीजेपी को भी 2020 के 112 के मुकाबले 101 और जेडीयू को 2020 के 115 के मुकाबले 101 से संतोष करना पड़ा।
