भाई और ससुर से भी नौकरी के बदले जमीन, पटना के सबसे बड़े जमींदार तेजस्वी... JDU ने लगाया पाप-दुर्गति का हिसाब-किताब
पटना/दिल्ली: IRCTC (Indian Railway Catering and Tourism Corporation) मामले में लालू यादव समेत सभी आरोपियों पर केस चलेगा। दिल्ली की कोर्ट ने आदेश दिया है। इसके बाद से बिहार में सियासी बयानबाजी का सिलसिल शुरू हो गया। जेडीयू प्रवक्त नीरज कुमार ने कहा कि लालू यादव ने अपने भाई और चचिया ससुर से भी नौकरी देने के नाम पर जमीन लिखा ली। पटना के सबसे बड़े जमींदार तेजस्वी यादव है। ऐसे में इस पाप की दुर्गति तो भुगतनी ही पड़ेगी। केस की टाइमिंग पर नीरज कुमार ने कहा कि उनको ये बात कोर्ट में कहनी चाहिए।
JDU ने लगाया पाप-दुर्गति का हिसाब-किताब
जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, 'लालू जी अपने बड़े भाई स्वर्गीय मंगरू राय जी के परिजन को नौकरी दिया तो फुलवरिया में जमीन लिखवा लिया। राबड़ी देवी जी के चाचा नाटा चौधरी जी के परिवार को नौकरी दिया तो जमीन लिखवा लिया। ये स्वाभाविक प्रक्रिया है, दुर्गति है, आपने जो पाप किया है। तेजस्वी यादव जी आपके नाम पर अगर संपत्ति है तो आपने सरेंडर क्यों नहीं किया। न्यायपालिका के मामले को आप चुनाव से जोड़ रहे हैं, आपके वकील ने जिरह क्यों नहीं किया। आपके पार्टी के लोग कर रहे हैं कि ये टाइमिंग का सवाल है तो ये कोर्ट में आपको अपनी बात कहनी चाहिए थी। आपने जो बेशुमार संपत्ति अर्जित की है, पटना के सबसे बड़े जमींदार हैं तो आपकी दुर्गति तो स्वाभाविक है।'
चुनाव प्रचार के बीच IRCTC केस की सुनवाई
ये मुकदमा अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में शुरू होने की संभावना है। इस मुद्दे का इस्तेमाल उनके राजनीतिक विरोधी चुनाव प्रचार में कर सकते हैं। विशेष न्यायाधीश ने मामले में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र और धोखाधड़ी के साझा आरोप तय किए, जो भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) के दो होटलों के संचालन के ठेके एक निजी फर्म को देने में कथित अनियमितताओं से संबंधित है। अदालत ने लालू प्रसाद के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भी आरोप तय किए। न्यायाधीश ने आदेश का मुख्य भाग पढ़ा और कहा कि भूखंड कम मूल्य पर दिए गए, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ। मामले में विस्तृत आदेश का इंतजार है।
IRCTC मामले में लालू परिवार पर चलेगा केस
दरअसल, आईआरसीटीसी घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय किए गए। इसके साथ ही बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले उनके खिलाफ मुकदमे की तैयारी शुरू हो गई है। बिहार में विधानसभा चुनाव दो चरणों में छह और 11 नवंबर को होंगे। लालू प्रसाद नीत राष्ट्रीय जनता दल राज्य के प्रमुख राजनीतिक दलों में से एक है। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ 'प्रथम दृष्टया' मामला बनता है और भूमि हस्तांतरण (Land Transfer) के संबंध में गंभीर संदेह है। पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी तथा पूर्व उपमुख्यमंत्री और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने न्यायाधीश द्वारा आरोप पढ़े जाने के बाद खुद को निर्दोष बताया और मुकदमे का सामना करने की बात कही।
लालू यादव पर रेल मंत्री रहते घपले का आरोप
नेताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि जैसे ही हमें आदेश की प्रति प्राप्त होगी, हम आरोप तय करने से संबंधित आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे। इससे पहले गत 24 सितंबर को अदालत ने आरोप तय करने के अपने आदेश के लिए सभी आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया था। सीबीआई के आरोपपत्र के अनुसार, 2004 और 2014 के बीच कथित तौर पर एक साजिश रची गई थी, जिसके तहत पुरी और रांची स्थित भारतीय रेलवे के बीएनआर होटलों को पहले आईआरसीटीसी को हस्तांतरित किया गया और बाद में, इनके संचालन, रखरखाव और देखभाल के लिए, बिहार के पटना स्थित सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को पट्टे पर दे दिया गया।
IRCTC के होटल को बेचने से जुड़ा है मामला
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि निविदा प्रक्रिया में धांधली और हेराफेरी की गई और निजी संस्था सुजाता होटल्स की मदद के लिए शर्तों में फेरबदल किया गया। आरोपपत्र में आईआरसीटीसी के समूह महाप्रबंधक वीके अस्थाना और आरके गोयल के साथ-साथ सुजाता होटल्स के निदेशक और चाणक्य होटल के मालिक विजय कोचर और विनय कोचर का भी नाम है। डिलाइट मार्केटिंग कंपनी, जिसे अब लारा प्रोजेक्ट्स के नाम से जाना जाता है, और सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को भी आरोपपत्र में आरोपी कंपनियों के रूप में नामित किया गया है।
इनपुट- एजेंसी
